Thursday, 25 November 2010

26 /11 पर ‘‘आपरेशन मुंबई’’



दो वर्ष पूर्व ताजमहल होटल और ओबराय होटल (अब ट्रिडेन्ट) पर हुए हमले को आप भूले न होंगे। आज भी वह मंजर आँखों के सामने कौंधता रहता है। इस कालिमामय क्षण को रजतपट पर कई लोगों ने उतारने की कोशिश की। अब उन्हीं लम्हों को दो वर्ष बाद देख-सुन-जानकर एक नये रूप में आपके सामने ला रहे हैं लेखक-निर्देशक अजीत वर्मा।
‘‘आपरेशन मुंबई’’ नाम से आ रही यह फिल्म सिर्फ आतंकी हमले और ताज - ओबेराय की घटना को समेटी हुई है, बल्कि इसने दिग्भ्रमित हो रहे युवकों को लताड़ा भी है। कसाब व उसके गिरोह के बहाने अजीत वर्मा ने पुख्ता विरोध भी दर्ज किया है कि अभावग्रस्त होना या गरीब होना कभी अपराधी बनने का आधार नहीं होता और जो लोग ऐसा मानते हैं, वह एक बहाना लेकर अपने अंदर के पाशविक चरित्र को सांत्वना देते हैं। हिंसा कभी किसी अव्यवस्था का हल नहीं। अजीत वर्मा ने ‘‘आपरेशन मुंबई’’ में कई और सवाल उठाए हैं। क्या आतंकवाद से लड़ना सिर्फ सुरक्षा कर्मियों की जिम्मेदारी है और जो लोग शहीद हो जाते हैं उन्हें श्रद्धांजलि के आगे और क्या मिलता है? तिरुपति प्रोडक्शन एंड बिग बालीवुड पिक्चर्स (बाबू) द्वारा प्रस्तुत इस फिल्म के निर्माता कुलवंत सिंह हैं। फिल्म में दो गीत भी हैं, जो पवन मिश्र द्वारा रचित और राज इंदर राज द्वारा संगीतबद्ध है।
देहरादून के अजीत वर्मा के साथ एक अजीब इत्तेफाक रहा। अभिनेता बनने की चाहत में जब वह मुंबई आए तो फिल्मिस्तान स्टूडियो में ही सेट तोड़ने की मामूली-सी नौकरी कर ली। फिर लेखक-निर्देशक बनने का अवसर मिला तो शूटिंग की शुरूआत फिल्मिस्तान से ही हुई। इसे पूरी कर पूर्णता की पार्टी और शो की बात चली तो वह भी इसी स्टूडियो के प्रांगण में हुआ। इसमें अजीत वर्मा ने ही प्रमुख आतंकवादी की भूमिका निभायी है। अन्य मुख्य सहयोगी कलाकार हैं- शाहबाज खान, एहसान खान, कमाल मल्लिक, गीतल और अमृत पाल। फिल्म अति शीघ्र पूरे देश में एक साथ प्रर्दशित होगी

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